परसाई के पंच-4


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1. आदर्श प्रेमी के यही लक्षण होते हैं। वह उदास रहता है। चिढ़ता है। हर आदमी को अपना शत्रु समझता है।

2. सत्य की खोज करने वालों से मैं छटकता हूँ। वे अक्सर सत्य की तरफ पीठ करके उसे खोजते हैं।

3. सत्य की खोज कई लोगों के लिए ऐयासी है। यह गरीब आदमी की हैसियत से बाहर है।

4. बहुत से बेवकूफ जीवन का उद्देश्य खोजते हुए निरुद्देश्य जीवन जीते रहते हैं।

5. मैं हमेशा झूठ की तलाश में रहता हूँ। कोने-कोने में झूठ ढूंढता फिरता हूँ। झूठ मिल जाता है तो बहुत खुश होता हूँ।

  1. लिफाफा हमेशा अपने और दूसरे को धोखा देने के काम आता है।

7. रकम की अनिश्चितता की बेचैनी सबको होती है। जिन्हें नहीं होती वे आदमी नहीं हैं और हैं भी तो झूठे हैं।

8. कला परिषद के उद्घाटन के लिए उन्होंने जेल मंत्री को बुला लिया था जैसे हार्ट स्पेशलिस्ट से बवासीर का इलाज कराया जाए।

9. इस देश में जो किसी की नौकरी नहीं करता, वह चोर समझा जाता है। गुलामी के सिवा शराफत की कोई पहचान हम जानते ही नहीं हैं।

10. बहुत से लोग पुलिस के डर से रिसर्च करते हैं। एम.ए. करने से नौकरी मिलते तक जो काम किया जाता है, उसे रिसर्च कहते हैं।

11. फिर से खोजना यानी जो पहले ही खोजा जा चुका है, उसे फिर से खोजना रिसर्च कहलाता है।

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