न्याय

बथुवे जैसी लड़कियाँ

वे लड़कियाँ बथुआ की तरह उगी थीं जैसे गेहूँ के साथ बथुआ बिन रोपे ही उग आता है ठीक इसी तरह कुछ घरों में बेटियाँ बेटों की चाह में अनचाहे

यदि तुम नहीं माँगोगे न्याय

यह विषयों का अकाल नहीं है यह उन बुनियादी चीज़ों के बारे में है जिन्हें थक कर या खीझ कर डस्टबिन में नहीं डाला जा सकता जैसे कि न्याय जो

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