मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ February 4, 2022 मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ तुम शहज़ादी रूप नगर की हो भी गया प्यार हम में तो बोलो मिलन कहाँ पर होगा ? मीलों जहाँ न पता खुशी का मैं
है बहुत अँधियार अब सूरज निकलना चाहिए January 20, 2021 है बहुत अँधियार अब सूरज निकलना चाहिए जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए रोज़ जो चेहरे बदलते हैं लिबासों की तरह अब जनाज़ा ज़ोर से उन का