
बस तेरा नाम ही मुक़म्मल है: गुलज़ार
हिन्दी साहित्य और सिनेमा में जो हैसियत गुलज़ार साहब की है और रही, वैसी किसी की न थी। मतलब सीधा-सीधा कला में दखलंदाज़ी। यानि गीत, कविता, नज़्म, शायरी, कहानी, पटकथा,
हिन्दी साहित्य और सिनेमा में जो हैसियत गुलज़ार साहब की है और रही, वैसी किसी की न थी। मतलब सीधा-सीधा कला में दखलंदाज़ी। यानि गीत, कविता, नज़्म, शायरी, कहानी, पटकथा,
परसाई जी (22 अगस्त 1922 – 10 अगस्त 1995) के निर्वाण दिवस के मौके पर विनम्रता पूर्वक श्रद्धांजलि सहित। आज मैं उनके मित्र, रायपुर-जबलपुर से निकलने वाले हिंदी दैनिक देशबन्धु
जो देश की हालत से बात शुरू करे, वह भयानक ‘चिपकू’ होता है। दुनिया की हालत वाला तो और खतरनाक होता है। बड़े भ्रष्टाचारी को बाइज्जत अलग कर देने
1. गरीबों को तो खैराती अस्पताल का ही सहारा होता है। 2. पुराने जमाने में शुभ कार्यों में अच्छा मुहूर्त देखने की जो परिपाटी है, वह देवताओं का ठीक
1. आदर्श प्रेमी के यही लक्षण होते हैं। वह उदास रहता है। चिढ़ता है। हर आदमी को अपना शत्रु समझता है। 2. सत्य की खोज करने वालों से मैं
1. अगर कोई आदमी डूब रहा हो, तो वे उसे बचाएंगे नहीं, बल्कि सापेक्षिक घनत्व के बारे में सोचेंगे। 2. कोई भूखा मर रहा हो, तो बुद्धिवादी उसे रोटी नहीं
1. साहित्य में बंधुत्व से अच्छा धंधा हो जाता है। 2. जवान आदमी को दुखी देखने से पाप लगता है। मगर मजबूरी में पाप लग रहा है। बेकारी से
1. कुछ आदमी कुत्ते से अधिक जहरीले होते हैं। 2. मार्क ट्वेन ने लिखा है-‘यदि आप भूखे कुत्ते मरते कुत्ते को रोटी खिला दें, तो वह आपको नहीं काटेगा।
साल याद नहीं आ रहा, ग्रेजुएशन के दौरान की बात है शायद……. आसमान ने अपने सारे बांध खोल लिए हैं और रह- रहकर तेज गर्जना के साथ बारिश हो रही
छोटे, बड़े, बहुत बड़े शहरों की बहस के बीच मुझे हमेशा यही लगता है कि मेरा शहर मेरे साथ बड़ा होता रहा है। ज्यों-ज्यों मेरी उम्र बढ़ी, उसका दायरा बढ़ता
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