विशेष

यार जादूगर

पुस्तक यार जादूगर में नीलोत्पल, हिंदी साहित्य में बहुत कम प्रयुक्त जादुई यथार्थवाद को प्रस्तुत करते हैं और साहित्य की कलात्मक विविधता का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। जादुई

दिसंबर का महीना मुझे आख़िरी नहीं लगता

दिसंबर सर्द है ज़्यादा इस बार पहाड़ों पर बर्फ़ गिर रही है लगातार… दिसंबर का महीना मुझे आख़िरी नहीं लगता आख़िरी नहीं लगतीं उसकी शामें नई भोर की गुज़र चुकी

उनतीस नवंबर

मैं उनतीस नवंबर को पैदा हुआ था उनतीस नवंबर को मर जाऊँगा और उस द्वार घर जाऊँगा जहाँ तेईस जनवरी में मेरी माँ ने जन्म लिया है वह इतनी सांसारिक

कहानी संग्रह: तुम्हारी लंगी

किसी एक कहानी संग्रह की तमाम कहानियां एक व्यापक कोलाज़ की तरह होती हैं। यदि आपके पास दृष्टि और सामर्थ्य है तो आप उनमें से कई टुकड़े चुनकर और उनका

आओ फिर से दिया जलाएँ

भरी दुपहरी में अँधियारा सूरज परछाईं से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाती सुलगाएँ आओ फिर से दिया जलाएँ हम पड़ाव को समझे मंज़िल लक्ष्य हुआ आँखों से

क़िस्सों की ज़रूरत और उनके पीछे झाँकती खिलंदड़ मुस्कान: जूलिया रॉबर्ट्स

कहानी में नाटकीयता की अवधारणा को लेकर हॉलीवुड ने अपने सिनेमा को शिखर तक पहुंचाया है। ‘ड्रामा’ शब्द में जो मंतव्य छुपा हुआ है वही कहानी और अभिनय को लेकर

अलबत्ता प्रेम

ईश्वर ने सोचा यह सुंदर है नदी ने सोचा यह पीछे छूटी स्मृतियों की टीस है पर्वत ने सोचा यह गर्व से नीचे देख पाने की कला है मल्लाह ने

क्लास ऑफ ’83

कहानी-एक पुलिस ऑफिसर हैं, विजय सिंह, जिन्हे पनिश्मन्ट पोस्टिंग पर पुलिस ट्रैनिंग अकादेमी के डीन बना दिया जाता है। विजय सिंह का भौकाल है एकाडमी में, हालाँकि उन्होंने कोई क्लास

बस तेरा नाम ही मुक़म्मल है: गुलज़ार

हिन्दी साहित्य और सिनेमा में जो हैसियत गुलज़ार साहब की है और रही, वैसी किसी की न थी। मतलब सीधा-सीधा कला में दखलंदाज़ी। यानि गीत, कविता, नज़्म, शायरी, कहानी, पटकथा,

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