
बस तेरा नाम ही मुक़म्मल है: गुलज़ार
हिन्दी साहित्य और सिनेमा में जो हैसियत गुलज़ार साहब की है और रही, वैसी किसी की न थी। मतलब सीधा-सीधा कला में दखलंदाज़ी। यानि गीत, कविता, नज़्म, शायरी, कहानी, पटकथा,
हिन्दी साहित्य और सिनेमा में जो हैसियत गुलज़ार साहब की है और रही, वैसी किसी की न थी। मतलब सीधा-सीधा कला में दखलंदाज़ी। यानि गीत, कविता, नज़्म, शायरी, कहानी, पटकथा,
परसाई जी (22 अगस्त 1922 – 10 अगस्त 1995) के निर्वाण दिवस के मौके पर विनम्रता पूर्वक श्रद्धांजलि सहित। आज मैं उनके मित्र, रायपुर-जबलपुर से निकलने वाले हिंदी दैनिक देशबन्धु
साल याद नहीं आ रहा, ग्रेजुएशन के दौरान की बात है शायद……. आसमान ने अपने सारे बांध खोल लिए हैं और रह- रहकर तेज गर्जना के साथ बारिश हो रही
छोटे, बड़े, बहुत बड़े शहरों की बहस के बीच मुझे हमेशा यही लगता है कि मेरा शहर मेरे साथ बड़ा होता रहा है। ज्यों-ज्यों मेरी उम्र बढ़ी, उसका दायरा बढ़ता
किस्सा साल 1958 का है. वियतनाम के राष्ट्रपति हो ची मिन्ह भारत दौरे पर थे. नेहरू से उनकी अच्छी दोस्ती थी. हो ची मिन्ह के सम्मान में कार्यक्रम हुआ तो
मार्च, 1968 का एक दिन था. तय हुआ कि धर्मवीर भारती के मुंबई के बोमनजी पेटिट रोड के सीतामहल फ़्लैट की टैरेस पर हरिवंशराय बच्चन कविता पाठ करेंगे। चुनिंदा काव्यप्रेमियों
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