परसाई के पंच-3


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1. अगर कोई आदमी डूब रहा हो, तो वे उसे बचाएंगे नहीं, बल्कि सापेक्षिक घनत्व के बारे में सोचेंगे।

2. कोई भूखा मर रहा हो, तो बुद्धिवादी उसे रोटी नहीं देगा। वह विभिन्न देशों के अन्न के आंकड़े बताने लगेगा।

3. बीमार आदमी को देखकर वह दवा का इंतजाम नहीं करेगा। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पढ़कर उसे सुनाएगा।

4. सिर्फ मैं समझता हूं, यह अहसास आदमी को नासमझ बना देता है।

5. देश सेवा थोड़ी बदतमीजी के बिना शोभा भी नहीं देती। थोड़ी बेवकूफी भी मिली हो, तो और चमक जाती है।

6. इस मुल्क को भगवान ने खासतौर से बनाया है। भगवान की बनायी चीज में इंसान सुधार क्यों करे? मुल्क सुधरेगा तो भगवान के हाथ से ही सुधरेगा।

7. रोटी बड़े-बड़े क्रांतिकारी को कमजोर बनाती है।

8. चक्कर लगाता प्रेमी बैठे प्रेमी से सवाया पड़ता है, क्योंकि वह मेहनत करता है।

9. भोली लड़की सुविधा की होती है। उसे पटाना आसान होता है।

10. ऐसे हंगामे मोहल्ले की नीरसता भंग करते हैं। महीने में एकाध लड़की भगायी न जाये, या कोई बलात्कार न हो, तो मोहल्ले के निवासी बहुत बोर होते हैं।

11. उस आदमी की बड़ी आफत होती है, जिसे दुनिया की हर स्त्री अच्छी लगती है और जो यह समझता है कि हर स्त्री मुझ पर जान देती है।ऐसे में एक भी स्त्री हाथ नहीं पड़ती।

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