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तीसरी कविता की अनुमति नहीं

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सुदर्शन शर्मा के पहले कविता संग्रह ‘तीसरी कविता की अनुमति नहीं’ में उनकी पिछले दस वर्षों से लिखी जा रही कविताएँ संगृहीत हैं। मूल रूप से पंजाब की रहने वाली सुदर्शन की कविताओं में पंजाबी कविताओं के रूहानी इश्क़ का आवेग तो है ही विस्थापन की पीड़ा और ख़ुदमुख़्तार स्त्री का एकांत भी शामिल है। अधिकतर कविताएँ प्रेम की धूप-छाँव के बीच रची गयी हैं। यह लिखी जा रही हिन्दी की प्रेम कविताओं से अलग अपने दुर्दम्य स्वभाव के कारण हैं। यह एक आग का दरिया है, जिसमें डूब कर जाना है। इस संग्रह से साहित्य की दुनिया समृद्ध हुई है और ये कविताएँ अनुभव और चेतना का विस्तार करती हैं।

– अरुण देव

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