Author: kanhaiya-lal-nandan

kanhaiya-lal-nandan

मृत्यु जिजीविषा से बहुत डरती है

मरने में मरने वाला ही नहीं मरता उसके साथ मरते हैं बहुत सारे लोग थोड़ा-थोड़ा! जैसे रोशनी के साथ मरता है थोड़ा अंधेरा। जैसे बादल के साथ मरता है थोड़ा

instagram: