Author: samridhi-manchanda

samridhi-manchanda

अहमक लड़की

~ 1 ~ तुम दो चुटकी धूप और एक मुश्त रात का नरम टुकड़ा हो तुम हो स्थगित उल्लास और गहन उदासियों का वनचर गीत तुम फूलों के लावण्य और

आपदा

प्यारी लड़की तुम्हारे पास अधिकतर दो ही विकल्प होंगे लड़ना या चुप रह जाना तुम कोई भी चुनाव करो भीतर कुछ मर जाएगा ‘Aapda’ A Hindi poem by Samridhi Manchanda

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