~ 1 ~ तुम दो चुटकी धूप तुम हो स्थगित उल्लास तुम फूलों के लावण्य तुम किसी त्रासदी में तुम तथागत का उपदेश अहमक लड़की |
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~ 2 ~ कई इष्ट एकसाथ रूठे थे उससे पर वो भी कहाँ मनाने वाली थी ! उफ़्फ़, वो अहमक लड़की ! बस एक ही सनक थी उसे वो जानती थी तो सबसे लड़ जाती |
‘Ahmak Ladki’ Hindi Poem by Samridhi Manchanda