Author: चित्रा पंवार

चित्रा पंवार

संप्रति – शिक्षण साहित्यिक यात्रा – वागर्थ, सोच विचार, रचना उत्सव, दैनिक जागरण, अरण्यवाणी आदि अनेक पत्र पत्रिकाओं तथा ब्लॉग, वेबसाइट्स पर रचना प्रकाशित। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत ‘दो औरतें ’ नाम से काव्य संग्रह प्रकाशित।

चले आना तुम

जैसे कई दिनों तक खिली घनी धूप के बाद अचानक होने लगती है तेज बारिश वैसे ही कभी चले आना तुम बिना बताए अचानक दरवाजे पर खड़े होकर मुस्कुराते हुए

दो औरतें

1. दो औरतें जब निकलती हैं अकेले निकाल फेंकती हैं अपने भीतर बसी दुनिया उछाल देती हैं हवा में उम्र का गुब्बारा जिम्मेदारियों में दबे कंधे उचकने लगते हैं वैसे

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