जैसे कई दिनों तक खिली
घनी धूप के बाद
अचानक होने लगती है तेज बारिश
वैसे ही कभी चले आना तुम
बिना बताए अचानक
दरवाजे पर खड़े होकर
मुस्कुराते हुए
फैला देना अपनी दोनों बाहें
मैं कभी आँखें मल कर
तो कभी चुटकी काट कर
खुद को यकीन दिलाने की कोशिश करूंगी
और जब हो जाएगा यकीन इस बात का
कि हाँ वह तुम्ही हो
तो झूम उठूंगी वैसे ही
जैसे बारिश में नहाते हुए
झूम उठते हैं छोटे बच्चे।
घनी धूप के बाद
अचानक होने लगती है तेज बारिश
वैसे ही कभी चले आना तुम
बिना बताए अचानक
दरवाजे पर खड़े होकर
मुस्कुराते हुए
फैला देना अपनी दोनों बाहें
मैं कभी आँखें मल कर
तो कभी चुटकी काट कर
खुद को यकीन दिलाने की कोशिश करूंगी
और जब हो जाएगा यकीन इस बात का
कि हाँ वह तुम्ही हो
तो झूम उठूंगी वैसे ही
जैसे बारिश में नहाते हुए
झूम उठते हैं छोटे बच्चे।
‘Chale Aana Tum’ A Hindi Poem by Chitra Panwar

संप्रति – शिक्षण
साहित्यिक यात्रा – वागर्थ, सोच विचार, रचना उत्सव, दैनिक जागरण, अरण्यवाणी आदि अनेक पत्र पत्रिकाओं तथा ब्लॉग, वेबसाइट्स पर रचना प्रकाशित।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत ‘दो औरतें ’ नाम से काव्य संग्रह प्रकाशित।