प्रतीक्षा July 28, 2021 उसकी पसीजी हथेली स्थिर है उसकी उंगलियां किसी बेआवाज़ धुन पर थिरक रही हैं उसका निचला होंठ दांतों के बीच नींद का स्वांग भर जागने को विकल लेटा हुआ है
किक्की के लिए July 2, 2021 तुम्हें बढ़ते हुए देखने से ज़्यादा सुखद मेरे लिए और कुछ नहीं, परन्तु तुम ऐसे वक़्त में बड़ी हो रही हो मेरी बच्ची जब मानवता की हांफनी छूटी जा रही