यानी इक क़तरे को दरिया होना है


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तुझ में जा मिलना है, तेरा होना है
यानी इक क़तरे को दरिया होना है,

बैठा हूं अब ज़िद करके मैं शोलों पर,
या तो जलना है या सोना होना है,

दो अंगारे छूने हैं इन आँखों को,
मतलब तेरे हाथों अंधा होना है,

पैर बड़े हो जाएंगे सब बच्चों के,
घर को आखिर इक दिन छोटा होना है,

सहरा की तख़्लीक़ हो मेरी मिट्टी से
मुझको तो इस हद तक प्यासा होना है,

इश्क़ में तेरे पड़कर हम ये भूल गए,
आज नहीं तो कल को तन्हा होना है

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