मेरा एक घर है
मगर मैं लौट नहीं पाया
किसी भी तीज- त्यौहार पर
मैंने घर कब छोड़ा था
मुझे याद नहीं है
मगर ये याद है
किसी ने बुलाया था मुझे
किसने, याद नहीं
पर अब भी लगता रहता है
कोई बुला रहा है
हां! कोई बुला रहा है
अखबार में पढ़ा है
दूर एक देश में लोग लड़ रहे हैं
एक तानाशाह के खिलाफ
क्या वहां से कोई बुला रहा है
बन रही है दवा
एक बीमारी के इलाज़ की
प्रयोग के लिए चाहिए एक आदमी
क्या वहां से कोई बुला रहा है
एक ऐसी भाषा
जिसे अब बहुत कम लोग बोलते हैं
एक लड़की
उस भाषा में बना रही है एक फिल्म
उसे जरूरत है एक हीरो की
जो उसे ढूंढे से भी नहीं मिल रहा
क्या वो बुला रही है मुझे
क्या बुला रही है वो औरत
जो नहीं लगा पा रही है
अपने जूड़े में एक फूल
क्या बुला रहा है वो बच्चा
जो नहीं बांध पा रहा है
अपने जूते के फीते
या वो कव्वाल
जो गाता है
एक गुमनाम फ़कीर की दरगाह पर
और नहीं मानता राग की बदिशें भी
या कोई अनुयायी
किसी लुप्त होते धर्म- संप्रदाय का
जो बताना चाहता है
अपने कुल की परंपराएं, रीति- रिवाज़
किसी को,
किसी को भी
मैं चलता जा रहा हूँ
मैं चलता जा रहा हूँ
पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो
बहुत से लोग मेरे पीछे आ रहे हैं
आगे जहाँ तक देखता हूँ
उतने ही लोग मेरे आगे चल रहे हैं
मेरा एक दोस्त कहता है
“ईश्वर पाईड पाइपर है“
हां! पाइपर ऑफ हमेलिन
मैं चलता जा रहा हूँ,
मैं चलता जाऊंगा
मुझे लगता है किसी दिन अचानक
पहुंच जाऊंगा पृथ्वी के छज्जे पर
मैं लगा दूंगा छलांग, एक लम्बी छलांग
और फिर
जैसा कि एक रॉकस्टार कहता था
“आई एम फ्री, फ्री फालिन”
“आई एम फ्री, फ्री फालिन”
मुझे मालूम है
तब मेरे लिए बस एक ध्वनि बचेगी स्पेस में
और मैं साफ़-साफ़ सुन पाऊंगा
तुम्हें, मुझे पुकारते हुए