वहां पानी नहीं पहुँचता था
और मुझे पसीझने के लिए भी
पानी दूर से लाना पड़ता था
नदियाँ एक थीं
पर उनका पानी बंटा हुआ था
पानी को बिना महसूस किये नहा लिए जाना
आम बात थी
आज की रात आप एक औरत हैं
ऐसा उसे किसी ने न तो कहा था
और न हीं महसूसा था
वो अपने चुम्बनों को
होठों से नहीं उतार पायी थी कभी
वो अकेली कमाऊ लड़की थी उस घर के लिए
दहेज़ विरोधी कानून उनंचास साल पहले बन गया था
पर बहुत सारे लड़कियों की शादी अभी भी नहीं होती थी
और बहुत जन्म भी नहीं ले पाती थी
बच्चे सुबह से उठ कर खेलने लगते थे
या काम करने लगते थे
आम जनों में यह बात फ़ैल गयी थी
कि पढ़-लिख कर आदमी बेकार हो जाता है
स्कूली युनिफोर्म पहने बच्चे
ढाबों पे चाय पिलाते थे
या साईकिल की दुकानों पे
पंक्चर ठीक करते थे
या फिर वे ऐसी जगहों पे भेंड चराते हुए देखे जाते थे
जहाँ मुश्किल से कोई घास होती थी
स्कूल का मास्टर कभी -कभी आता था
उसके दारू की दूकान बहुत चलती थी
दूध वाले, सब्जी वाले और परचून की दूकान वाले सभी को
तकनीकों का बहुत अच्छा ज्ञान था
और वे उसका भरपूर इस्तेमाल भी करते थे
कोई घोंड़े की लीद से धनिया बनाता था
तो कोई हीपोलीन से पनीर
कुछ लोग जिन्दगी के इस पार रह जाते थे
कुछ उस पार
सरकार पुल नहीं बना पाती थी
सरकार को जब भ्रष्टाचार करना होता था
तो वो विकास की परियोजनाएं लाती थीं
लडकियां चोटी बांधना भूलती जाती थीं
चोटी बाँधने वाली लडकियां अब प्यार नहीं की जाती थीं
देह से ऊपर गया प्यार
और पैसे से ऊपर गयी मानवता
दोनों हीं उनके ज्ञान में नहीं था
या वे इसे मूर्खतापूर्ण मानते थे
मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा मिल जाती थी
पर लोगों का
कानून से भरोसा उठा हुआ हीं रहता था
वे जानते थे कि एक दिन सब मारे जायेंगे
पर वे अंतिम व्यक्ति होना चाहते थे
मरने के मामले में …