कभी देखना
धूप निकलते ही
झट से
ओस का घास से उड़ जाना
धूप निकलते ही
झट से
ओस का घास से उड़ जाना
लगता है जैसे
अचानक किसी अपने ने
हमेशा के लिए आंखें मूंद ली हों।
Os-Ghaas ‘A Hindi Poem by Mehnaz Mansoori