फिर तमाशा बन गई


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फिर तमाशा बन गई शुरुआत देखो
फिर हमें ठुकरा दिया है आपने

कर लिया था बेबसी के बीच से ही
ज़िन्दगी की राह का हमने चयन
दूर कुछ हटकर चले थे आपसे
हम छिपाकर कामना का अवनमन

छेड़ दी पर आपने ही बात देखो
फिर हमें रुसवा किया है आपने

जब शिथिल होने लगीं संभावनाएं
सत्य पर विश्वास के उन्माद की
तोड़ दीं हमने पुरानी रीतियाँ तब
प्रेम पर अधिकार के अतिवाद की

पर न रोकी जा सकी बरसात देखो
घाव कुछ गहरा दिया है आपने

बिक चुके संकल्प सारे कौड़ियों में
हम बचा ना पाए हत सम्मान को
कर लिए हमने इरादे संकुचित सब
त्यागकर अपनत्व के सुनसान को

शून्य की मध्यस्थता के घात देखो
धैर्य फिर बिखरा दिया है आपने

 

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