Book Review

जुहू चौपाटी: अपनी इच्छानुसार जीना भी क्या अपराध है?

नव आधुनिकतावाद अगर एक शब्द में इस पुस्तक की समीक्षा करूं तो पर्याप्त है। यहां तर्क, विचार, राय, तथ्य तभी तक महत्वपूर्ण होते हैं जब वो स्वयं के द्वारा रखे

मनीषा कुलश्रेष्ठ का कहानी संग्रह ‘किरदार’: मन की भीतरी सतह पर चलता जीवन

एक अच्छी कहानी हमारे भीतर ठहरे कई विश्वासों को चुनौती देती है, सवाल खड़े करती है, सोच के स्तर पर इंसान को पूरी तरह बदल देने का जज़्बा रखती है।

अटकन चटकन: अपने मूल्यों की चिंता का मानीखेज उपन्यास

बातों वाली गली कहानी संग्रह से चर्चा में आईं चर्चित कथाकार वंदना अवस्थी दुबे का नवीनतम उपन्यास – अटकन चटकन अपने विन्यास में बेहद रोचक और पठनीय है। इसमें कथा नई

कुछ इस तरह: राजेश झरपुरे जी के कविता संग्रह को पढ़ते-पढ़ते

राजेश झरपुरे हिंदी कविता एवं कहानी की दुनिया में एक सुपरिचित नाम है। इन दिनों उनके कविता संग्रह कुछ इस तरह को पढ़ने का सुयोग बना। राजेश झरपुरे मानवीय रिश्तों

अमृता प्रीतम की आत्मकथा : रसीदी टिकट

मेरी सारी रचनाएँ, क्या कविता, क्या कहानी और क्या उपन्यास, मैं जानती हूँ, एक नाजायज बच्चे की तरह हैं। मेरी दुनिया की हकीकत ने मेरे मन के सपने से इश्क़

किताब : फेसबुक लाइव और ज़िन्दगी का द एंड

इसमें कोई दो राय नहीं कि मार्टिन जॉन हिन्दी के सिद्धहस्त लघुकथाकार हैं। उन्होंने सूक्ष्म पर्यवेक्षण, दृष्टि के विस्तार, विषय वस्तु के सटीक चयन, कथ्य के कसाव, भाषा की किफायतसारी

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