फ़ोटोग्राफ़र सबसे बेख़बर बेपरवाह शिकारी है
चलते फिरते वक़्त का शिकार करता है
और वक़्त किसी कभी न पिघलने वाली बर्फ़ की तरह
जमा रहता है उसके एक इशारे से
दृश्य के नीचे दबे रहने वाला
कोई घटनाक्रम
मथा जाता है उसके कैमरे की मथानी से
सुख दुःख और भावों का मक्खन
तैर सा जाता है
उसके किसी छायाचित्र में
चलते फिरते वक़्त का शिकार करता है
और वक़्त किसी कभी न पिघलने वाली बर्फ़ की तरह
जमा रहता है उसके एक इशारे से
दृश्य के नीचे दबे रहने वाला
कोई घटनाक्रम
मथा जाता है उसके कैमरे की मथानी से
सुख दुःख और भावों का मक्खन
तैर सा जाता है
उसके किसी छायाचित्र में
उसके हाथों की छोटी छोटी
हरकतों में छिपी रहती हैं
हमारी मुस्कुराहटें,
दृश्य को बाँधने
और किसी गुमनाम की महत्ता बढ़ाने
की ताक़त
मैने सुनी है
बहुत से सूर्योदयों की आहट
देखे हैं
कुछ परदेसी पक्षियों के
दुख
और समझी हैं एक नन्हीं सी गिलहरी की
बातें
उसकी आँखों से
उसकी उत्साहित आखों में
हमेशा लगा रहता है दुनिया को
नए ख़ूबसूरत कोणों से देखने
और वैश्विक चिंताओं को उभारने का
ऑटो अजस्टबल लेंस
बहुत सारी असहजता झेलकर वह
हमें दे जाता है हर हालत में
सहज और सुंदर
बने रहने का कोई सूत्र।