सही-सही वजह

किसी के प्रेम में पड़ जाने की सही-सही वजह नहीं बता पातीं
कभी भी
स्त्रियाँ,
जबकि पुरुषों के पास होते हैं
एक सौ एक कारण

स्त्रियों के पास अपने प्रेम के पात्र की ख़ूबियों, ख़ामियों का कोई गणित नहीं होता,
सखियों को टालने के लिए
यूँ ही बता देती हैं
किसी उपन्यास या फ़िल्म के नायक को ध्यान में रखकर
चार बातें

मैं एक चिकित्सक स्त्री को जानती हूँ
जो पड़ गयी थी किसी लोहार के प्रेम में
क्योंकि उसके घोड़े की नाल ठोकते हुए
यूँ सहलाया उस लोहार ने घोड़े का खुर,
जैसे वो सोचती थी
उसे सहलाएगा उसका पुरुष
प्रथम संसर्ग के समय

और जानती हूँ एक धार्मिक सद्गृहस्था को
जो दे बैठी थी हृदय
नास्तिकता पर व्याख्यान करते किसी ओजस्वी वक्ता को,
और देवों से माँगती थी
बस एक आकस्मिक भेंट का वरदान

या एक मध्य आयु की एक क्रांतिकारी नेत्री को
जिसने दिल में बसाया हुआ था
प्रेम की औसत कविताएँ लिखने वाले
एक रसिक कवि को

स्त्री के भीतर स्त्री से ही प्रच्छन्न हज़ार स्थल होते हैं
कब, कहाँ और कैसे छूना है
यह जानने के लिए दूसरी स्त्री होना पड़ेगा
तुम्हें
प्रिय पुरुष!

‘Sahi Sahi Wajah’ A Hindi Poem by Sudarshan Sharma

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