एक ज़माना था जब हृषिकेश मुखर्जी, फारुख शेख़, अमोल पालेकर, दीप्ति नवल और उत्पल दत्त आदि की फिल्में बड़े बड़े नामों वाले एक्टर्स और डायरेक्टर्स की फिल्म्स के बावजूद अपनी उपस्थिति दर्ज कराती थीं, और अब आयुष्मान, राजकुमार रॉव, अन्नू कपूर, गोपाल दत्त और कई नए डायरेक्टर्स आदि उसी विधा को नई ऊँचाइयाँ दे रहे हैं।
करम (आयुष्मान) के साथ सबसे बड़ी ट्रेजेडी ये है कि बचपन से अब तक वो कृष्णलीला में राधा और रामलीला में सीता बनता रहा है। उसकी नौकरी की तलाश भी उसके ‘पूजा’ नामक अवतार पे खत्म होती है, जिसका काम कॉल सेंटर्स में लोगों से बातें बनाने और उनका बिल बढ़ाने का है। दुनिया अकेले लोगों से भरी पड़ी है जहाँ लोगों की फ्रेंड लिस्ट बढ़ती जा रही है और सुनने के लिए फ्रेंड्स घटते जा रहे हैं। ऐसे ही कुछ अकेले कैरेक्टर्स ‘पूजा’ की आवाज़ के दीवाने हो जाते हैं और फिर बाकी फ़िल्म करम/पूजा के इसी कंफ्यूजन और भसड़ में फँसने और निकलने की कहानी हो जाती है।
एक्टिंग में कहें तो ड्रीम गर्ल आयुष्मान और अन्नू कपूर की फ़िल्म है। हालांकि बाकी कास्ट भी बहुत जबरदस्त है और सबने अपना रोल बखूबी निभाया है पर इन दोनों की कॉमिक टाइमिंग अलग ही लेवल की है। पूजा के किरदार में आयुष्मान की हरकतें/अदाएँ, एक्सप्रेशन और आवाज़ (पूजा के किरदार की आवाज़ भी आयुष्मान की ही है !!) लड़कियों को भी काम्प्लेक्स दे सकते हैं।
फ़िल्म की कहानी हालांकि कुछ खास नई नहीं है, पर डायलॉग्स और स्क्रीनप्ले सुपर से भी ऊपर है। हर डायलॉग स्टैंड अप कॉमेडी जैसा शार्प वनलाइनर। ये फ़िल्म पूरी तरह से राइटर (जो इस फ़िल्म के डायरेक्टर भी हैं) की फ़िल्म है।
मुझे इंटरवल के बाद थोड़ी हिचक थी कि अब फ़िल्म थोड़ा सीरियस मोड़ ले सकती है। हीरोइन को सच पता लगना था, फिर अगला एक घंटा रूठने मनाने और दो चार गाने में बीत जाना है (विक्की डोनर आदि), पर नहीं। यहाँ पर कहानी हमें सरप्राइज देती है और 2nd हाफ को फर्स्ट से भी ज्यादा कॉमिक बना देती है।
क्योंकि 2 फिल्म्स आईं थीं और दोनों में से कौन सी देखनी है इसके लिए मैंने गलती से राजीव मसंद का रिव्यु देखा था और फ़िल्म देख के ये जाना कि बड़े बड़े reviewer इस तरह की फ़िल्म के रिव्यु के लायक नहीं है। छोटे बजट, छोटे शहर और कॉमेडी फिल्मों को भी बहुत सीरियसली देखते हैं और उसमें मानवता के लिए संदेश तलाशते हैं और इनके लिए कॉमेडी कभी 3 से ज्यादा स्टार नहीं पा सकती।
कॉमेडी पसंद है तो जरूर जरूर देखने लायक।
(रिव्यु में थोड़ी देर हो गई, पर अगर अभी भी लगी है तो डोंट मिस इट।)
रेटिंग: 4.5 आउट ऑफ 5