प्रेम का डाकिया


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कुछ लोग हमारे जीवन में हमें प्रेम करना सिखाने आते हैं
वो हमसे प्रेम नहीं करते हैं
वो प्रेम के डाकिये होते हैं
जो हम तक प्रेम को पहुंचाते हैं
और जब हम प्रेम करना सीख जाते हैं
वो लौट जाते हैं फिर किसी दूसरे को प्रेम का डाक देने
मैं वहीं सिखाया प्रेम तुमसे कर रही हूँ
हम सब अपनी जिंदगी में कभी न कभी प्रेम के डाकिये बनते हैं
मैं भी वहीं डाकिया हूँ
तुम्हारे प्रेम सीखने तक मैं तुम्हारी हूँ।

‘Prem Ka Dakiya’ by Banarasiya

 

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