अछूत शरीर

संक्षिप्त जुड़ाव की अधिकता⁣
शरीर में अन्दर से⁣
ख़ालीपन ला देता है,⁣

महसूस करने की क्षमता⁣
अंतरङ्गता भूल जाती है,⁣
हमेशा स्पर्श की खोज में ⁣
शरीर भ्रमित रहता है,⁣

स्पर्श शरीर को शरीर से जोड़ता है ⁣
और केवल जोड़ नहीं रहा होता⁣
बल्कि अवचेतन रूप से⁣
शरीर को शरीर का⁣
आत्मीय बन्धन बना⁣
बांध रहा होता है,⁣

मिलने का मतलब⁣
स्पर्श को ज़द में लेकर⁣
क़ैद करना होता है,⁣
सभी के साथ बाँटना नहीं⁣
महफूज़ करना होता है,⁣

बँटा हुआ शरीर अक्सर⁣
स्पर्श को भूल जाता है।

‘Achhoot Shareer’ A Hindi Poem by Ajay

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