संक्षिप्त जुड़ाव की अधिकता
शरीर में अन्दर से
ख़ालीपन ला देता है,
महसूस करने की क्षमता
अंतरङ्गता भूल जाती है,
हमेशा स्पर्श की खोज में
शरीर भ्रमित रहता है,
स्पर्श शरीर को शरीर से जोड़ता है
और केवल जोड़ नहीं रहा होता
बल्कि अवचेतन रूप से
शरीर को शरीर का
आत्मीय बन्धन बना
बांध रहा होता है,
मिलने का मतलब
स्पर्श को ज़द में लेकर
क़ैद करना होता है,
सभी के साथ बाँटना नहीं
महफूज़ करना होता है,
बँटा हुआ शरीर अक्सर
स्पर्श को भूल जाता है।
शरीर में अन्दर से
ख़ालीपन ला देता है,
महसूस करने की क्षमता
अंतरङ्गता भूल जाती है,
हमेशा स्पर्श की खोज में
शरीर भ्रमित रहता है,
स्पर्श शरीर को शरीर से जोड़ता है
और केवल जोड़ नहीं रहा होता
बल्कि अवचेतन रूप से
शरीर को शरीर का
आत्मीय बन्धन बना
बांध रहा होता है,
मिलने का मतलब
स्पर्श को ज़द में लेकर
क़ैद करना होता है,
सभी के साथ बाँटना नहीं
महफूज़ करना होता है,
बँटा हुआ शरीर अक्सर
स्पर्श को भूल जाता है।
‘Achhoot Shareer’ A Hindi Poem by Ajay
अजय यादव, जो ख़ुद को एक आकस्मिक रचनाकार के रूप में दावा करते हैं। यह न केवल एक प्रतिभाशाली शृङ्गार-रस के रचनाकार हैं, बल्कि शब्दों और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्यार भरे शब्दों को बुनने में भी माहिर हैं। इनके प्राथमिक रुचि में सङ्गीत और यात्रा शामिल है। इनकी प्रथम शृङ्गार की रचनाओं से सुसज्जित पुस्तक “ग्यारह तिल” प्रकाशित हो चुकी हैं।