तुम्हें तीन जोड़ों वाली चीज़े बहुत पसंद थी।
जैसे तीन दोस्तों की यारी,
जैसे तीन नदियों का संगम
जो जल को पवित्र बना देती है।
पर शायद तुम भूल गयी
कि प्रेम का ‘त्रिवेणी’ हो जाना
सबसे खतरनाक पक्ष है।
भूकंप आते है,
ज्वालामुखी फटती है,
ये सब मैंने सिर्फ किताबों में पढ़ा था।
इनकी वास्तविकता कभी महसूस हुई ही नहीं थी।
किंतु,
तुम्हारा अपने वर के साथ
सातवें फेरे की ओर कदम बढ़ाते देखा,
तो पता चला
ये आपदाएँ कितनी भयावह होती है।
जब हवन कुंड जल रहा होगा,
मंत्र पढ़े जा रहे होगें,
सातवाँ फेरा समाप्ति की ओर होगा,
तब मेरी कालजयी आत्मा
तुम्हारे परिणय गाँठ पर
किलकारी मार झूला झूलने आएगी,
तुम झटक कर मुझे फेंक देना अग्नि में,
मेरे राख से तुम्हारे सिंदूर का अलाप लिखा जायेगा।
इस अलाप में मेरी यादें होगी
और इन यादों में तुलसी के पौधे पनपेंगे,
तुम्हारे बदन में मेरी रूह की खुशबू
शापित होकर ताउम्र विचरण करती रहेगी।
मृत्यु शैया पर लेटे हुए
तुम मेरे होंठो के दस्तख़त याद करोगी,
और वही तुम्हारे मोक्ष का कारण बनेगा।
‘Parinay’ A Beautiful Hindi Poem by Ajay Yadav
कविता संग्रह: ग्यारह तिल किताब अमेज़न पर उपलब्ध है। |

अजय यादव, जो ख़ुद को एक आकस्मिक रचनाकार के रूप में दावा करते हैं। यह न केवल एक प्रतिभाशाली शृङ्गार-रस के रचनाकार हैं, बल्कि शब्दों और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्यार भरे शब्दों को बुनने में भी माहिर हैं। इनके प्राथमिक रुचि में सङ्गीत और यात्रा शामिल है। इनकी प्रथम शृङ्गार की रचनाओं से सुसज्जित पुस्तक “ग्यारह तिल” प्रकाशित हो चुकी हैं।