“सुनो.. हम इस रास्ते से वॉक के लिए नहीं जाया करेंगे।”
क्यों ?
मुझे पसंद नहीं ये रास्ता।
क्या? शहर का सबसे खूबसूरत रास्ता तुम्हें पसन्द नहीं? ये हरा भरा रास्ता, ये झील, ये सुहानी हवा और पंछियों के शोर से भरा आसमान। कौन होगा जिसे ये रास्ता पसन्द न होगा?
लड़की खामोश हो गयी है। एकदम खामोश। फिर सर नीचे किये धीमे से बुदबुदायी है।
“अच्छा चलो ठीक है। इसी रास्ते पर आया करेंगे।”
लड़के ने इस आवाज़ पर चौंककर लड़की को देखा है! ओह, कैसी सूनी और ख़ाली आवाज़ ! और उसका हाथ थामकर बोला है।
“नहीं.. किसी और रास्ते पर चलेंगे। वैसे भी साल भर से इस पर घूम घूमकर मैं भी बोर हो गया हूँ। कोई नया रास्ता ढूंढते हैं।”
लड़की होंठों से मुस्कुराई है, आँखों से मुस्कान कोसों दूर है।
घर लौटकर लड़के ने चाय बनायी है और दोनों कप हाथ में लेकर टेरेस पर आ बैठे हैं। लड़की अब चहक रही है।
लड़का उस चहक से पुलक-पुलक जाता है। तभी लड़के ने अचानक लड़की का हाथ पकड़ा है।
“तुम उसके साथ उसी रास्ते पर जाती थीं ना ?”
लड़की थरथरा गयी है।
“क्या इतना नहीं समझूंगा मैं ? दुःख इस बात का है कि पहले क्यों न जान सका,तुम्हें कहना पड़ा।”
लड़की के चेहरे पर घबराहट, बेचैनी, उदासी एक साथ तैर गयी है। आँखें बस छलकने ही वाली हैं।
“सुनो.. गलत मत समझो! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, वो अब लाइफ में कहीं नहीं है।”
“मुझे पता है कि तुम मुझसे कितना प्यार करती हो। वो तुम्हारा पहला प्रेम था और हमेशा रहेगा। कैसे भूल सकती हो उसे और क्यों भूलना है? तुम्हारे मन के जिस कोने में वो महफूज़ है उसे वहीं रहना चाहिए ज़िन्दगी भर। कोई भी प्रेम भूलने के लिए नहीं होता पागल।”
लड़की फूट-फूटकर रो पड़ी है। लड़का उसे नन्ही बालिका की तरह अंक में समेटे खड़ा है।
“सुनो मेरी छुटकी.. जब भी उसकी याद आये तुम मेरे कंधे पर सर रखकर उदास हो सकती हो, मेरे होते तुम्हे अपने दिल का सबसे कोमल कोना किसी और दोस्त से बांटना पड़े तो हमारा रिश्ता बड़ा कमज़ोर निकलेगा।”
लड़की अब सम्भल गयी है। हल्के से मुस्कुराई है और लड़के के हाथ को मजबूती से पकड़कर कह रही है-
“पता है अमृता प्रीतम क्या कहती हैं”
“क्या ?”
“यह कि शादी एक ऐसा व्यापार है जिसमे किसी का फायदा नहीं होता। दो लोग पति पत्नी से शुरुआत करते हैं और जीवन भर वही बने रहते हैं उससे आगे बढ़कर दोस्त, प्रेमी और एक दूसरे के खुदा कभी नहीं बन पाते”
“और तुम क्या सोचती हो ?”
“मैं सोचती हूँ कि हम दोनों सफल कारोबारी हैं। आज हम पति पत्नी से एक दर्ज़ा ऊपर उठकर दोस्त बन गए हैं।”
हम्म…
लड़का अख़बार पलटने लगा है। तभी लड़की ने अख़बार छीनकर नीचे रखा है और लड़के की ठुड्डी पकड़कर शरारत से बोली है।
“तुम्हे भी नेहा की याद आये तो मुझसे शेयर कर लेना। और हाँ, जो ब्लू शर्ट उसने तुम्हें दी है, वो मेरी भी फेवरिट है।”
“तुम्हें कैसे पता?” लड़का गहरे आश्चर्य में है।
“क्योंकि आई लव यू घोंचू”
लड़की ने चाय का कप हवा में बढ़ाया है और लड़के के कप से टकराकर हंसते हुए कह रही है-
“थ्री चीयर्स टू अवर फ्रेंडशिप”
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अंज़ाम ऐ गुलिस्ताँ क्या होगा | तुम जहाँ भी हो |