अनुपस्थितियों को सिखाई
सोलह कलाएँ
गुनाह के अनेक तथ्य बनाकर
प्रायश्चित को मोक्ष दिया,
संगीत की लय में प्रेमियों की
आत्माओं के लिए गुंजाइश रखी,
वचन के साथ बाँध दिया
दैनिक अभ्यास,
दुधमुँहे बच्चों को शब्दकोश
से दूर रखा,
टिप्पणियों मे भर दी छटाँक
भर निर्लज्जता,
ईश्वर से बड़ा मज़दूर कौन?
जोशना बैनर्जी आडवानी की अन्य रचनाएँ।
‘Mazdoor Ishwar’ Hindi poem by Joshnaa Banerjee Adwani.