फूल तोड़कर तुम्हारे बालों में खोंस देना
प्रेम नहीं है।
पौधे में फूल को,
तुम्हारे बालों के लिए
अंत तक बचाए रखना
प्रेम है।
तुमसे इश्क़ का इज़हार कर देना
प्रेम नहीं है।
दिल में प्रेम को,
तुम्हारे लिए
अंत तक बचाए रखना
प्रेम है।
प्रेम की परिभाषा में कुछ लिख देना
प्रेम नहीं है।
हाथों में कलम को ,
परिभाषा के लिए
अंत तक बचाए रखना
प्रेम है।
सात जनमों तक हाथ थामे रखने की कसमें खाना
प्रेम नहीं है।
देह में सात जनमों की ऊर्जा,
हाथ थामने के लिए
अंत तक बचाए रखना
प्रेम है।
पौधेे में फूल,
दिल में प्रेम,
हाथों में कलम,
देह में ऊर्जा
बचाए रखना ही केवल
प्रेम नहीं है
कभी न लौट के आने वालों के लिए
एक उम्मीद के ठूँठ से टिककर
ख़ुद को अंत तक बचाए रखना
भी प्रेम है।
‘Ant Tak Bachaye Rakhna’ A Beautiful Hindi Poem By Sudheer Dongre