हर आदमी के अंदर होता है
एक और आदमी
और..
हर औरत के अंदर होती है
एक और औरत
:
उस औरत को
सुनाई और दिखाई देता है
बाहर का और अंदर का
हर एक आदमी
पर, आदमी को दिखाई देती है
महज़… बाहर की औरत…!
एक और आदमी
और..
हर औरत के अंदर होती है
एक और औरत
:
उस औरत को
सुनाई और दिखाई देता है
बाहर का और अंदर का
हर एक आदमी
पर, आदमी को दिखाई देती है
महज़… बाहर की औरत…!