जाड़ा जाने-जाने को है


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जाड़ा जाने-जाने को है

फ़रवरी के महीने में
मेरा मन पतंग उड़ाने की
ज़िद पर अड़ा है

प्रेमी जोड़े का मानना है कि फ़रवरी तो
एक-दूसरे को चूमने का महीना होता है
प्रेम करने का महीना होता है

मैं प्रेम करने वाले जोड़े की बात मान लेता हूँ

पतंग को उड़ाता हूँ आकाश में
जो काले बादलों के इंतज़ार में है

मेरी पतंग आकाश के नीले रंग को चूमती है

फ़रवरी फिर लौटेगी प्रेम करने वाले दिन लेकर।

“Jaada Jaane Jaane Ko Hai” A Beautiful poem by Shahanshah Alam

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