महामारी में मरने वाले लोग


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महामारी में मरने वाले सभी लोग
महामारी से नहीं मरते
उस महामारी से तो बिल्कुल नहीं
जिसे दुनिया के
ताकतवर लोग, संस्थाएं और राष्ट्राध्यक्ष मानते हैं महामारी
और करते हैं तालाबंदी और नाकेबंदी
महामारी में मरने वाले बहुत सारे लोग
पहले से ही मरते आ रहे होते हैं
और मरते जाते हैं लगातार
अलग-अलग महामारियो की वजह से
पर वे महामारी से मरने वालों में गिने नहीं जाते
क्योंकि दुनिया के ताकतवर लोग नहीं मानते हैं उन्हें महामारी
वे मरते हैं सड़कों पर और घरों में
शोषण और दुराचार की महामारी से
वे मरते हैं भूख, कुपोषण और लाचारी की महामारी से
कुछ मर जाते हैं हताशा की महामारी से और कुछ इंसाफ में देरी की
कुछ मर जाते हैं फुटपाथ पर उन्मादी गाड़ियों के नीचे आकर
और कुछ इसलिए क्योंकि फुटपाथ नहीं होते सड़कों के किनारे
जिन पर उन्मादी गाड़ियां चलती है
वे मरते हैं व्यवस्था का अट्टहास सुनकर
वे मरते हैं सत्ता की हत्यारी मुस्कान से लहूलुहान होकर
कभी ठगे जाने से मर जाते हैं वे
कभी वे मर जाते हैं डर कर
और कभी लड़ते हुए लड़ने की मार से
कई बार
वे मरते हैं ताकत की सत्ता को बनाए रखने
या हथिया लेने की नुकीली अभीप्सा में
नए और खोज कर लड़े जाने वाले युद्धों की वजह से
या फिर
दबा देने की हिंसक खुशी पाने के लिए लड़े गए लड़ाईयों में
कभी वे मरते हैं
सहस्राब्दी विकास के लक्ष्यों में बहुत पीछे छूट कर
और कभी सतत विकास के लक्ष्यों में डूब कर
कभी दंगों में और कभी अपने कपड़ों और वेशभूषा की वजह से भी मरते हैं वे
उनसे कोई नहीं कहता कि तुम मर जाओ
क्योंकि वे जानते हैं कि एक दिन वे
बिना किसी के कहे या किसी को बिना बताए
किसी अदृश्य महामारी से मर ही जाएंगे
वे जानते है कि
महामारी को तभी माना जाता है महामारी
जब उससे मरने का खतरा
खास ताकतवर पर आ जाता है
पर उनमें से कोई भी
यह जानने की वजह से नहीं मरता
वे मरते हैं हर उम्र और हर काल में
कई बार वे एक बार भी जिए बिना मर जाते हैं
उनके माथे पर बेमौत मरने की रेखाएं होती है
भले ही वे मरते हो बेमौत
या उनकी मरने की वजह होती हो भूख जितनी मामूली
वे जीते हैं हमारी ही तरह किसी की मुस्कुराहट पर
किसी की आंखों के पानी के लिए
किसी की गोद में खिलखिलाने के लिए
जहां महामारी का कोई डर नहीं होता

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