शाम होते ही लौटना था
पर रात गिर आई
रात कुछ उस तरह गिरी
मेरे सामने
जैसे सड़क पर गिर पड़ा हो पेड़
रात को कभी मैंने इस तरह
गिरते नहीं देखा
मुझे यकीन नहीं हुआ
तुम भी यकीन नहीं करोगी
आजकल कोई चीज
इसी तरह गिरती है
एक दिन शाम गिरेगी
उल्का की तरह
मैं उस दिन बच नहीं पाऊँगा
अपने हाथों में थाम लो मेरा हाथ
उसे ऊपर उठाओ हवा में
गिरती हुई चीजों के विरुद्ध
यह एक जायज़ तरीका है।
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